दिल्ली में डॉक्टरों की हड़ताल: चौथे दिन मरीज अस्पताल छोड़ने को मजबूर, डॉक्टर भी उतरे सड़कों पर

 


देश की राजधानी दिल्ली में डॉक्टरों की हड़ताल चौथे दिन भी जारी रही। सफदरजंग से लेकर राजधानी के तमाम बड़े अस्पतालों में उपचार मुश्किल हो गया है। देर शाम तक स्वास्थ्य मंत्रालय के बाहर डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन चलता रहा। 


नीट पीजी काउंसलिंग में देरी के खिलाफ डॉक्टरों की हड़ताल सोमवार को चौथे दिन भी जारी रही। इसके चलते मरीजों का अब अस्पतालों में उपचार काफी मुश्किल हो चुका है। स्थिति यह है कि सफदरजंग सहित राजधानी के तमाम बड़े अस्पतालों से मरीज छुट्टी लेकर जाने को मजबूर हैं। हालांकि दिल्ली एम्स में डॉक्टरों की हड़ताल नहीं है लेकिन यहां मरीजों को एडमिशन भी नहीं मिल पा रहा। 


उधर रेजिडेंट डॉक्टर भी विरोध प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतर आए हैं। सोमवार को नई दिल्ली स्थित स्वास्थ्य मंत्रालय के ठीक सामने आठ घंटे तक डॉक्टरों ने प्रदर्शन किया। देर शाम तक जब डॉक्टरों ने प्रदर्शन खत्म नहीं किया तो दिल्ली पुलिस उन्हें वहां से हटाया। 


जानकारी के अनुसार सफदरजंग अस्पताल, मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के पांच अस्पताल और जीटीबी सहित कई अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल चल रही है। मरीजों को ओपीडी के अलावा इमरजेंसी इत्यादि में भी उपचार नहीं मिल पा रहा है। 


नोएडा से सफदरजंग अस्पताल पहुंचे सरदार सुरमेंद्र ने बताया कि उनकी दोनों किडनी और गॉल ब्लैडर खराब है। उनके पास इलाज और अपनी जान बचाने के लिए मोहलत बहुत कम है लेकिन इमरजेंसी में भी उन्हें हड़ताल की वजह से कोई डॉक्टर नहीं देख रहा है। 

सुरमेंद्र ने यहां तक कहा कि डॉक्टर भगवान का रुप होते हैं लेकिन इन्हीं डॉक्टरों ने अभी मरीजों को मरने के लिए छोड़ दिया है। सुरमेंद्र की तरह यूपी के बरेली से यहां पहुंचीं रामवती का कहना है कि हम बरेली से आए इलाज कराने के लिए दिल्ली आए थे। एम्स में जब पहुंचे तो एक महीने बाद आकर इलाज कराने की सलाह दी। 


इसके बाद वे सफदरजंग अस्पताल आए तो यहां पूरे दिन अस्पताल में रहने के बाद भी उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं मिला। बार बार बोलने के बाद भी अस्पताल में कोई मरीजों की सुनवा करने वाला नहीं है। इसी दौरान सफदरजंग अस्पताल के वार्डों में खाली स्ट्रेचर की तस्वीरें भी बाहर आने लगीं। वार्ड में यहां पहले से भर्ती मरीज अब अस्पताल छोड़कर वापस जा रहे हैं।


दरअसल नीट पीजी काउंसलिंग में देरी के चलते रेजिडेंट डॉक्टर बीते शुक्रवार से हड़ताल पर हैं। फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन की ओर से यह हड़ताल चल रही है। इसमें मुख्य तौर पर सफदरजंग अस्पताल के अलावा मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज, हेल्थ यूनिवर्सिटी, भीमराव आंबेडकर मेडिकल कॉलेज इत्यादि के रेजिडेंट डॉक्टर शामिल हैं।


स्वास्थ्य मंत्रालय के बाहर नुक्कड़ नाटक

राजधानी के अलग अलग मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टरों ने एकत्रित होकर सोमवार सुबह 11 बजे निर्माण भवन स्थित स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर बढ़े। यहां पहुंचने के बाद डॉक्टरों ने सड़क किनारे दिन भर विरोध प्रदर्शन किया और इस बीच नुक्कड़ नाटक करते हुए यह भी संदेश दिया कि अगर डॉक्टरों के साथ सरकार सही व्यवहार नहीं करेगी तो वह मरीजों के लिए कैसे काम कर पाएंगें। 

इस दौरान फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोर्डा) के अध्यक्ष डॉ. मनीष ने कहा कि रेजिडेंट डॉक्टर लंबे समय से नीट पीजी काउंसलिंग जल्द से जल्द कराने की मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार उनकी मांगों पर कोई ध्यान ही नहीं दे रही है। महामारी में घंटों काम करने के बाद भी सरकार का डॉक्टरों के प्रति कोई सम्मान नहीं है। बार बार झूठ बोलकर आश्वासन देते हैं लेकिन हालात में कोई सुधार नहीं है। इसलिए मांग पूरी होने तक हड़ताल इसी तरह जारी रहेगी। 

और नया पुराने