कोरोना महामारी के अंत की शुरुआत हो सकता है ओमिक्रोन, डेल्टा की तुलना में कम घातक है ये वैरिएंट

 


नई दिल्ली, नीलू रंजन। कोरोना के नए ओमिक्रोन वैरिएंट ने यूं तो फिर से दहशत बढ़ा दी है, लेकिन अब तक इसका जो प्रभाव दिख रहा है उससे यह संभावना भी जताई जाने लगी है कि शायद यह इस महामारी के अंत की शुरुआत साबित हो। डेल्टा वैरिएंट की तुलना में चार-पांच गुना ज्यादा तेजी से फैलने की क्षमता वाले इस वैरिएंट से संक्रमित मरीजों में हल्के लक्षण मिल रहे हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत भी नहीं पड़ रही। इन तथ्यों को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के कई अधिकारी निजी बातचीत में इसे कोरोना महामारी के खत्म होने की शुरुआत के तौर पर स्वीकार कर रहे हैं।

हालांकि, आइसीएमआर के महानिदेशक डा. बलराम भार्गव किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले तीन-चार हफ्ते तक इंतजार करने की बात कह रहे हैं। कोरोना प्रबंधन से जुड़े केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ओमिक्रोन के नए स्वरूप में सामने आया कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है, लेकिन अभी तक मिले डाटा से साफ हो गया है कि इस क्रम में यह पहले की तुलना में कम घातक रह गया है। इससे लोग आसानी से संक्रमित तो हो जाएंगे, लेकिन बीमार नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि महामारी का अंत इसी तरीके से होता है। अधिकारी ने कहा कि एक बार वायरस पैदा हो गया तो वह कभी खत्म नहीं होता, पर जब लोग उसकी चपेट में आने के बाद भी बीमार नहीं पड़ते तो उस वायरस से पैदा हुई महामारी का अंत मान लिया जाता है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में कोरोना के ओमिक्रोन से भी ज्यादा तेजी से फैलने वाले लेकिन कम घातक वैरिएंट आ सकते हैं। जब तक उससे लोग बीमार नहीं होते हैं, चिंता करने की जरूरत नहीं है।

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के प्रमुख डा. भार्गव भी काफी हद तक इस बात से सहमत दिखते हैं। उनका संकोच डाटा को लेकर हैं। उनके अनुसार अभी तक पूरी दुनिया में लगभग तीन हजार लोगों के ओमिक्रोन से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है, जिनमें 33 भारत में हैं। भले ही इन सबमें हल्के लक्षण दिख रहे हों, लेकिन अभी हमें और बड़े डाटा का इंतजार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आने वाले तीन-चार हफ्ते में स्थिति साफ हो जाएगी कि ओमिक्रोन वैरिएंट के कारण मध्यम और गंभीर लक्षण सामने आते हैं या नहीं।

देश और दुनिया में ओमिक्रोन वैरिएंट की स्थिति पर पैनी नजर रखी जा रही है। इसके लिए हर दिन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक होती है, जिनमें भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार के. विजय राघवन, नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) एवं कोरोना टीकाकरण पर गठित टास्क फोर्स के प्रमुख डा. वीके पाल, डा. बलराम भार्गव, स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण के साथ-साथ स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहते हैं। भारत में हल्का हो रहा संक्रमण देश में सामने आ रहे आंकड़े भी वायरस के पहले की तुलना में कम प्रभावी होने के संकेत दे रहे हैं।

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